जानिए हार्ट अटैक के बाद सावधानी बरतने के लिए किन 6 बातों का रखना ख्याल!
Tips to follow after Heart Attack: दिल का दौरा एक चिकित्सीय स्थिति है जिसमें रक्त प्रवाह रुक जाता है। अधिकतर मरीजों की मौत का कारण हार्ट अटैक को माना जाता है। यह स्थिति रक्त वाहिकाओं में वसा, कोलेस्ट्रॉल और तरल पदार्थों के जमा होने से शुरू होती है। ऐसे में हृदय में रक्त का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता है। यह समस्या आमतौर पर कोरोनरी धमनियों, हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं में होती है। रक्त में इस तरह की रुकावट के कारण हृदय पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो जाता है। यह एक जीवन-घातक समस्या है। हालांकि, दिल का दौरा पड़ने के बाद सावधानियां बरतने (Tips to follow After heart) से दिल को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है।
हार्ट अटैक के बाद सावधानी क्या बरतनी चाहिए? (Tips to follow after Heart Attack)
हार्ट अटैक के बाद सावधानी बरतना बेहद जरूरी है, क्योंकि सावधानी से किसी भी बीमारी को दूर करने में मदद मिल सकती है। इसलिए हार्ट अटैक के बाद सावधानी रखना बेहद जरूरी है। जैसे:
1. डायट का रखें ध्यान (Healthy diet):
- हार्ट अटैक के बाद सावधानी रखना अत्यंत जरूरी है और ऐसी स्थिति में हेल्दी डायट फॉलो करना चाहिए। इसलिए हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, बीन्स, नट्स एवं सीड्स का सेवन करना लाभकारी होता है।
- हार्ट पेशेंट्स को अपने डायट में हेल्दी फैट्स जैसे एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल (Extra virgin olive oil) एवं एवोकैडो (Avocado) का सेवन करना चाहिए।
- हार्ट अटैक के बाद सावधानी (Tips to follow after Heart Attack) बरतें और डायट में साबूत अनाज को शामिल करें।
- मीट के सेवन को लेकर हार्ट के मरीज समझ नहीं पाते हैं, लेकिन हार्ट पेशेंट अपने डायट में चिकन का सेवन कर सकते हैं, लेकिन कम मात्रा में। वहीं अगर आप मछली खाना पसंद करते हैं, मछली (Fish) का सेवन हार्ट अटैक के बाद किया जा सकता है।
हृदय रोगी ऊपर बताई गई चीजों का सेवन कर सकते हैं, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे भी हैं जिनका सेवन हृदय रोगियों को नहीं करना चाहिए।
- चिप्स, कुकीज़ या क्रैकर जैसे प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ न खाएं। इन खाद्य पदार्थों में नमक की मात्रा अधिक और पोषण कम होता है, जो हृदय और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
- दिल का दौरा पड़ने के बाद सावधानियां बरतें (Tips to follow After heart) और नमक का सेवन कम से कम करें। अत्यधिक नमक का सेवन रक्तचाप बढ़ाने के साथ-साथ अन्य शारीरिक समस्याओं का कारण बनने में सक्षम है।
- दिल का दौरा पड़ने पर उच्च वसा वाले डेयरी उत्पादों का सेवन न करें। इसलिए अगर आप दही, दूध या पनीर का सेवन करना चाहते हैं तो कम वसा वाला सेवन करें।
हृदय रोगियों को ऐसे किसी भी पेय या भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए जिसमें सोडा, कैंडी या पेस्ट्री हो।
2. शारीरिक रूप से एक्टिव रहें (Be Physically active):
हार्ट अटैक के बाद सावधानी (Tips to follow after Heart Attack) रखना चाहते हैं, तो शरीर को फिजिकली एक्टिव रखें। बॉडी को फिजिकली एक्टिव रखने के लिए हल्के-फुल्के काम करें।
3. एक्सरसाइज करें (Do workout):
हार्ट पेशेंट अक्सर इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि हार्ट अटैक के बाद एक्सरसाइज करें या ना करें! नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार हार्ट पेशेंट्स को स्विमिंग (Swimming) या वॉकिंग (Walking) जैसे एक्सरसाइज को अपने दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। हालांकि हार्ट पेशेंट को किसी भी तरह के एक्सरसाइज या योगासन को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लेना चाहिए।
4. ब्लड प्रेशर रखें कंट्रोल (Control Blood pressure):
बढ़ता ब्लड प्रेशर स्ट्रोक का मुख्य कारण माना गया है। स्ट्रोक (Stroke) की रिकवरी सबसे मुश्किल है और इसका जीवन में अत्यधिक बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखें।
5. ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level):
डाइबिटीज (Diabetes) की समस्या हार्ट अटैक (Heart attack) की आशंका को बढ़ा देती है। दरअसल जब शरीर में इंसुलिन से जुड़ी परेशानी शुरू होती है, तो शरीर में शुगर का स्तर अनियंत्रित हो जाता है और इससे हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए हार्ट अटैक के बाद सावधानी (Tips to follow after Heart Attack) रखना चाहते हैं, तो ब्लड शुगर लेवल बैलेंस में रखें।
6. स्मोकिंग ना करें (Avoid smoking):
स्मोकिंग हार्ट प्रॉब्लेम के साथ-साथ कैंसर का मुख्य कारण है। अगर आपको हार्ट अटैक हुआ है, तो ऐसी स्थिति में स्मोकिंग नहीं करना चाहिए एवं थर्ड हैंड स्मोकिंग से भी बचना चाहिए। वहीँ अगर आपको कोई भी हेल्थ कंडिशन (Health Condition) नहीं है, तो भी स्मोकिंग से दूरी बनायें रखें।
हार्ट अटैक के बाद सावधानी बरतने के लिए रखें इन ऊपर बताये छे बातों का ध्यान, लेकिन अगर आपको शारीरिक परेशानी महसूस होती है तो ऐसी स्थिति में एक्सपर्ट से सलाह लेना जरूरी है।
डॉक्टर से कब करें कंसल्टेशन? (When To Consult Cardiologist)
निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। जैसे:
- सीने के आसपास डिस्कम्फर्ट महसूस होना।
- हाथ, पीठ, गर्दन, जबड़े या फिर पेट दर्द महसूस होना।
- शरीर के एक हिस्से में परेशानी महसूस होना।
- बिना कारण अत्यधिक पसीना आना।
ऐसी स्थिति होने पर डॉक्टर से जल्द से जल्द कंसल्ट करें और महसूस की जाने वाली परेशानी बतायें।
अगर आप हार्ट अटैक (Heart Attack) या हार्ट अटैक के बाद सावधानी (Tips to follow after Heart Attack) से जुड़े सवालों का जवाब तलाश कर रहें थें, तो उम्मीद करते हैं कि ये जानकारी आपके लिए लाभकारी होगी। वैसे अगर आप या आपके कोई भी करीबी कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular diseases) से पीड़ित हैं, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से कंसल्टेशन अत्यधिक जरूरी है। क्योंकि ये बीमारियां गंभीर बीमारियों की लिस्ट में शामिल है। अगर इनका समय पर इलाज ना करवाया जाए तो पेशेंट की स्थिति गंभीर हो सकती है। डॉक्टर के संपर्क में रहने से पेशेंट की हेल्थ कंडिशन (Health Condition) और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर इलाज किया जाता है।
अपने हृदय के स्वास्थ्य पर नियंत्रण पाने के लिए अब और इंतजार न करें—डॉ. राहुल शर्मा के साथ अपनी अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए अभी कॉल करें – 6376993553